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अमेरिका के बाद ब्रिटेन से भी हुवावे बैन, कंपनी ने कहा- यह राजनीतिक षडयंत्र है, फैसला सुरक्षा नहीं बल्कि अमेरिकी ट्रेड पॉलिसी को लेकर लिया गया

अमेरिका के बाद ब्रिटेन से भी हुवावे बैन, कंपनी ने कहा- यह राजनीतिक षडयंत्र है, फैसला सुरक्षा नहीं बल्कि अमेरिकी ट्रेड पॉलिसी को लेकर लिया गया

अमेरिका के बाद ब्रिटेन ने भी अपने 5G टेलीकॉम नेटवर्क से हुवावे को बाहर करने का फैसला ले लिया है। इस फैसले ने जनवरी में दिए हुवावे के बयान को उलट दिया गया है, जिसमें कहा गया था कि हुवावे को देश के सुपर-फास्ट वायरलेस इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की सीमित भूमिका मिल सकती है।
ब्रिटेन सरकार ने मंगलवार को घोषणा की कि उनके 5G नेटवर्क से मौजूदा हुवावे इक्विपमेंट्स हटाने के लिए BT और वोडाफोन जैसे ऑपरेटरों को 2027 तक का समय दिया गया है। डिजिटल और संस्कृति मंत्री ओलिवर डाउडेन ने कहा कि मई में हुवावे पर लगाए गए नए अमेरिकी प्रतिबंधों ने पूरी तस्वीर को बदल दिया है। डॉउडेन ने कहा कि यूके को अब यह विश्वास नहीं है कि भविष्य के हुवावे 5G इक्विपमेंट्स की सुरक्षा की गारंटी देने में सक्षम होगा।

फैसला ट्रम्प प्रशासन के लिए एक बड़ी जीत

  • यह फैसला ट्रम्प प्रशासन के लिए एक बड़ी जीत है, जो सहयोगी को अपने 5G नेटवर्क से हुवावे को बाहर करने पर जोर दे रहा है, यह तर्क देते हुए कि चीनी कंपनियां राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने पिछले महीने घोषणा की थी कि " यह विरोध हुवावे के खिलाफ हो रहा है क्योंकि दुनिया भर के नागरिक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा राज्य की निगरानी के खतरे को लेकर जागरुक हो रहे हैं।
  • डॉउडेन ने आगे बताया कि चीनी कंपनी पर बैन लगाना ब्रिटेन के लिए जोखिम भरा है क्योंकि ब्रिटेन ब्रेक्सिट के बाद दुनिया भर में व्यापार के नए अवसरों की तलाश कर रहा है और इस फैसले के बाद देश भर में 5G रोलआउट में कम से कम एक साल देरी होगी।
  • मई में नए प्रतिबंधों के बाद तक हुवावे के खिलाफ अमेरिकी कैंपेन को मिश्रित सफलता मिली थी, जिसने अमेरिकी-निर्मित टेक्नोलॉजी का उपयोग करके सेमीकंडक्टर चिप्स बनाने और प्राप्त करने की कंपनी की क्षमता को कम कर दिया था।
  • इसने ब्रिटिश नेटवर्क में हुवावे की भागीदारी की एक और सुरक्षा समीक्षा शुरू कर दी, जिसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने मंगलवार को इस तकनीक को अपने नेटवर्क से हटाने का आदेश दिया।

चीनी बाजार के बाहर कम हुई हुवावो स्मार्टफोन की मांग
निर्णय हुवावे के लिए एक बड़ा झटका है, जिसने 20 वर्षों के लिए ब्रिटेन में काम किया है। यूरोप कंपनी के लिए एक प्रमुख बाजार है, जिसमें पिछले साल 24% बिक्री दर्ज की। हुवावे ने सोमवार को पहले की तुलना में आधे साल के परिणामों की घोषणा की, जिसमें कंपनी की धीमी राजस्व वृद्धि की बात सामने आई। वॉशिंगटन द्वारा हुवावे पर पॉपुलर गूगल ऐप्स के इस्तेमाल का बैन लगने के बाद, कंपनी पहले ही स्मार्टफोन की बिक्री में गिरावट का सामना कर रही है। परिणामस्वरूप चीन के बाहर के बाजारों में फोन बहुत कम पसंद किए जा रहे हैं।

हुवावे ने कहा- यह फैसला अमेरिकी ट्रेड पॉलिसी से जुड़ा है न की सुरक्षा से

  • हुवावे यूके के प्रवक्ता एड ब्रूस्टर ने कहा यह फैसला ब्रिटेन को डिजिटलीकरण को धीमा करेगा, खर्चे बढ़ाएगा और डिजिटल डिवाइड को गहरा करेगा। अफसोस कि ब्रिटेन में हमारा भविष्य राजनीतिक हो गया है, यह फैसला यूएस ट्रेड पॉलिसी से जुड़ा है न कि देश की सुरक्षा से।
  • अमेरिकी प्रतिबंधों ने ताइवान बेस्ड फर्म TSMC (TSM) जैसी कंपनियों को कंप्यूटर चिपसेट और अन्य प्रमुख कम्पोनेंट का हुवावे को निर्यात पर पाबंदी लगा दी है। उनके बिना, हुवावे 5G बेस स्टेशन और अन्य इक्विपमेंट्स नहीं बना सकता है। जेफरीज के विश्लेषक एडिसन ली ने पिछले महीने कहा, "अमेरिका के करंट डायरेक्ट एक्सपोर्ट रूल को देखते हुए लगता है कि हुवावे का 5G इक्विपमेंट का कारोबार काफी खतरे में है।"

अपने ही सांसदों से दबाव झेल रहे थे ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन

  • ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने ट्रम्प प्रशासन के साथ-साथ अपनी ही पार्टी के सांसदों के बढ़ते दबाव का सामना किया था, जो तर्क देते हैं कि चीनी सरकार जासूसी और यहां तक ​​कि तोड़फोड़ के लिए हुवावे का उपयोग कर सकती है।
  • वाशिंगटन ने चेतावनी दी थी कि यदि ब्रिटेन अपनी योजना के साथ आगे बढ़ता है तो यूएस-यूके मिलिट्री कोलैबोरेशन और सैन्य सहयोग को जोखिम में डाला जा सकता है। चीनी कानून के तहत, चीनी कंपनियों को बीजिंग के निर्देश पर कार्रवाई करने का आदेश दिया जा सकता है। हुवावे ने लगातार इस बात से इनकार किया है कि यह चीनी सरकार की जासूसी करने में मदद करेगा और उसका कहना है कि इस पर कर्मचारियों का 100% स्वामित्व है।
  • ब्रिटेन की घोषणा से पहले मंगलवार को बोलते हुए, चीन के विदेश मंत्रालय ने अपने राजदूत द्वारा पिछली चेतावनी को दोहराया कि इस फैसले से दोनों देशों के बीच व्यापक संबंधों के परिणाम होंगे।

प्रतिबंध से 5G में देरी होगी और तकनीक बदलने में अरबों का खर्च आएगा
हुवावे ने ब्रिटेन सरकार को मनाने के लिए कड़ी मेहनत की थी कि हम एक भरोसेमंद पार्टनर था, जिसने पिछले महीने एक एडवरटाइजिंग कैंपेन शुरू किया और देश में निवेश और रोजगार बढ़ाने के इतिहास पर जोर दिया। इस महीने, उसने घोषणा की कि उसे कैम्ब्रिज में $ 1.25 बिलियन (9375 करोड़ रुपए) की रिसर्च फैसिलिटी बनाने की मंजूरी मिल गई है।

हुवावे ब्रिटेन के 4G इंफ्रास्ट्रक्चर का एक अहम हिस्सा
हुवावे पहले से ही ब्रिटेन के मौजूदा 4G इंफ्रास्ट्रक्चर का एक अहम हिस्सा है, और टेलीकॉम ऑपरेटरों को उन नेटवर्क में कंपनी के इक्विपमेंट्स को बदलने की आवश्यकता नहीं होगी। चीनी कंपनी यूरोपीय प्रतिद्वंद्वियों ने कहा कि वे हुवावे द्वारा छोड़े गए 5G के खाली स्थान को भरने के लिए तैयार हैं।

हुवावे की जगह लेने के लिए नोकिया-एरिक्सन तैयार
नोकिया ने एक बयान में कहा कि इसके पास पैमाने और गति पर यूके के नेटवर्क से सभी हुवावे इक्विपमेंट को बदलने की क्षमता और विशेषज्ञता है। एरिक्सन के लिए यूरोप और लैटिन अमेरिका के राष्ट्रपति अरुण बंसल ने एक बयान में कहा कि यूनाइटेड किंगडम को अपने 5G लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद करने के लिए स्वीडिश कंपनी के पास टेक्नोलॉजी, अनुभव और सप्लाई चैन क्षमता है।

हुवावे टेक्नोलॉजी को रिप्लेस करने में 23250 करोड़ का खर्च आएगा

  • बहरहाल, हुवावे को बाहर निकालने के लिए यूके को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। सरकार ने मंगलवार को कहा कि नए हुवावे इक्विपमेंट पर प्रतिबंध से 5G नेटवर्क को काफी देर लगेगी और इसकी मौजूदा तकनीक को बदलने में $3.1 बिलियन (यानी लगभग 23,250 करोड़ रुपए) की कुल लागत और दो से तीन साल का समय लगेगा।
  • इसका मतलब है कि ब्रिटिश उपभोक्ताओं और व्यवसायों को लंबे समय तक इंतजार करना होगा, और संभवतः उन सेवाओं के लिए अधिक भुगतान करना होगा, जो अतिरिक्त बैंडविड्थ का समर्थन कर सकते हैं, जैसे कि सेल्फ-ड्राइविंग कार और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग और हेल्थकेयर एप्लीकेशन्स।

फैसले से निराश वोडाफोन
वोडाफोन के एक प्रवक्ता ने कहा, "जाहिर तौर पर हम निराश हैं क्योंकि इस फैसला से यूके में 5G रोल आउट करने में देरी होगी और उद्योग के लिए अतिरिक्त लागत आएगी।"



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सरकार ने मंगलवार को कहा कि नए हुवावे इक्विपमेंट पर प्रतिबंध से 5G नेटवर्क को काफी देर लगेगी और इसकी मौजूदा तकनीक को बदलने में लगभग 23,250 करोड़ रुपए की कुल लागत और दो से तीन साल का समय लगेगा


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