गरीबी ऐसी कई दिन तक भूखा रहना पड़ता था, पर हारा नहीं, आईआईटी से बना इंजीनियर
उस दिन तेज बारिश हो रही थी। लेकिन, अनूप के पेट की आग और भड़क रही थी। भूख से अनूप राज और उसके 3 भाई-बहन बेहाल थे। खेत में काम और घर में अनाज खत्म हो गया था। जब भूख ने बर्दाश्त की हदें पार कर दीं तब अनूप की मां वीणा देवी ने अपने पति रामप्रवेश प्रसाद से गांव के लाला की दुकान से, फिर किसी किसान के घर से उधार चावल लाने को कहा। अनूप के पिता को पता था कि वह बाजार में अपनी साख खो चुके हैं, बहुत उधार ले चुके और अब कोई नहीं देगा। उन्होंने पत्नी से कहा कि तुम चूल्हे में लकड़ी लगाओ और पानी चढ़ाओ। जब तक पानी खौलेगा मैं चावल लेकर आता हूं। लेकिन अफसोस धीरे-धीरे अंगीठी भी बुझ गयी। पानी ठंडा हो गया। कई साल बीत गए अनूप के पिता फिर कभी वापस नहीं आए।
मां ने मजदूरी करते हुए पढ़ाया
अनूप की मां के पास कोई रास्ता नहीं था। हार न मानते हुए मां ने तय किया कि अब वह अनूप को पढ़ाएंगी। चाहे क्यों न मजदूरी करनी पड़े। गांव से लगभग 6 किलोमीटर दूर एक सरकारी विद्यालय में अनूप नेपढ़ना शुरू किया। मां खूब मेहनत कर रही थी। लेकिन, अनूप कई ज्यादा मेहनत कर रहा था। दसवीं के अंकाें से अनूप बहुत ही खुश था। उसके बाद गांव के कुछ लोगों ने अनूप को किसानों से बदला लेने लिए भड़काया। अनूप की मां जानती थी कि शिक्षा से बड़ा हथियार दूसरा नहीं है। आगे की पढ़ाई के लिए अनूप अपनी मां के साथ घर से बाहर निकला।
मैं पढ़ाई में मन लगाउंगा, आप मुझमें मन लगाइए
सीएम जनता दरबार के बाहरकिसी ने अनूप और उसकी मां कोसुपर 30 के बारे में बताया। मां के साथ अनूप मेरे घर पर आया। मैंने अनूप सेे पूछा- पढ़ाई में मन लगता हैं न? जवाब चौंकाने वाला था। अनूप ने कहा- मैं पढ़ाई में मन लगाऊंगा। आप मुझमें मन लगाइए। मैं जानता था कि यह जवाब प्रतिभा का कोई धनी छात्र ही दे सकता है। प्रतिभा के बल पर उसनेआईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास की। रैंक इतनीअच्छी आईकि उसे आईआईटी मुंबई में दाखिला मिला। इसके बाद भी अनूप सुपर 30 को नहीं भूला। हर बार गर्मी की छुट्टी में वह पटना आता था और सुपर 30 के बच्चों को पढ़ाता था। कुछ समय के बाद अनूप को लगा कि उसे समाज के लिए भी करना चाहिए। उसने एक छोटी सी सॉफ्टवेर की कंपनी की शुरुआत की और बच्चों को पढ़ाने का काम भी शुरू किया।
केबीसी में अनूप की मदद से जीते25 लाख
दो साल पहले जब मैं कौन बनेगा करोड़पति कार्यक्रम में गया तब अनूप भी साथ था। अमिताभ बच्चन जी ने मुझसे एक सवाल पूछा तब मैं अटक गया और अनूप ने मेरी मदद की। मैं 25 लाख रुपए जीतकर वापस पटना आया।
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