तीन दिन पहले फेक डेट आईं, फिर बिना सूचना दो दिन पहले आ गया 5% अच्छा रिजल्ट
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) ने सोमवार दोपहर 12वीं बोर्ड के रिजल्ट जारी कर दिए हैं। इस साल परीक्षा में कुल 88.78% स्टूडेंट्स ने सफलता हासिल की है। CBSE की परीक्षा का आयोजन इस बार 15 फरवरी से 30 मार्च के बीच किया गया था। हालांकि, बाद में कोरोना लॉकडाउन के कारण इसे पहले स्थगित और फिर बाद में रद्दकर दिया गया। इस साल कुल 11 लाख 92 हजार 961 स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल हुए, जिनमें से 10 लाख 59 हजार 80 पास हुए हैं।
कोरोना से बिगड़ी 12th बोर्ड परीक्षाओं की 10 बड़ी बातें
- कोरोना महामारी के बीच शुरू हुई CBSE की परीक्षाएं बिगड़ते हालात की वजह से पहले स्थगित और सिर्फ कोर्ट के निर्देश के बाद रद्द कर दी गई।
- परीक्षाएं रद्द होने के बाद बचे पेपरों के मूल्यांकन के लिए CBSE ने नई असेसमेंट स्कीम के आधार पर रिजल्ट जारी किया।
- तीन दिन पहले को सोशल मीडिया पर रिजल्ट काएक फेक नोटिफिकेशन वायरल हो रहा था, जिसके बाद आज बिना सूचना रिजल्ट जारी कर दिया गया।
- कोरोना के कारण बनी असाधारण परिस्थितियों के मद्देनजर बोर्ड ने इस बार बिना मेरिट लिस्ट और टॉपर्स लिस्ट के ही रिजल्ट जारी किया।
- रिजल्ट की बात की जाए, तो पिछले साल की तुलना में इस साल का रिजल्ट 5.38 फीसदी ज्यादा रहा। इस बार कुल 88.78% स्टूडेंट्स पास हुए।
- साल 2020 में भी एक बार फिर लड़कियां लड़कों से आगे रहीं और इसी के साथ लगातार छठवीं बार लड़कियों ने बाजी मारी।
- बोर्ड की तरफ से जारी की गई कुल 16 रीजन के पास परसेंटेज की लिस्ट में टॉप 3 में दक्षिण भारत का दबदबा रहा।
- इस साल 38,686 स्टूडेंट्स ने 95 फीसदी से ज्यादा और 1,57,934 स्टूडेंट्स ने 90 फीसदी से ज्यादा मार्क्स हासिल किए हैं।
- CBSE से मान्यता प्राप्त स्कूलों में इस बार जवाहर नवोदय विद्यालय 98.7% अंकों के साथ पहले और केंद्रीय विद्यालय 98.62% के साथ दूसरे नंबर पर रहा।
- कोरोना की वजह से बने हालातों को देखते हुए इस बार स्टूडेंट्स को डिजिटल मार्कशीट दी जाएगी, जिसे वह डिजिलॉकर से डाउनलोड कर सकेंगे।
5.96% से आगे रहीं लड़कियां
परीक्षा में एक बार फिर लड़कियों ने बाजी मारते हुए लड़कों को पीछे छोड़ दिया। इस बार के रिजल्ट में लड़कियां लड़कों से 5.96% से आगे रहीं। लड़कियों का पास पर्सेंटेज 92.15 जबकि लड़कों का पर्सेंटेज 86.19% रहा। इसके अलावा विदेश स्थित CBSE स्कूलों में इस बार स्टूडेंट्स का पास परसेंटेज 94.26% रहा। वहीं, परीक्षा में शामिल हुए ट्रांसजेंडर्स का पास परसेंटेज 66.67% रहा।
पिछले साल से 70 दिन लेट रिजल्ट
पिछले साल रिजल्ट 2 मई को आए थे, लेकिन इस वर्ष कोरोना लॉकडाउन के कारण जुलाई में आ रहा है। कोरोना की वजह से स्थगित हुई परीक्षा 1 से 15 जुलाई के बीच आयोजित किए जाने थे, लेकिन इस बार बोर्ड कोरोना लॉकडाउन के कारण बाकी एग्जाम नहीं करा पाया है। इसी वजह से मेरिट लिस्ट और टॉपर्स की लिस्ट भी जारी नहीं की जा रही है।
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