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पढ़ाई के लिए रोज 24 किमी चलाई साइकिल; एमपी बोर्ड में आठवें स्थान पर आई भिंड की रोशनी, सपना आईएएस बनना

पढ़ाई के लिए रोज 24 किमी चलाई साइकिल; एमपी बोर्ड में आठवें स्थान पर आई भिंड की रोशनी, सपना आईएएस बनना

भिंड जिले से एमपी बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में पहले स्थान पर रहे अभिनव शर्मा की चर्चा तो खूब हुई, लेकिन अभिनव के साथ ही पढ़ने वाली रोशनी की सफलता पर कम ही लोगों की नजर पड़ी। रोशनी भदौरिया ने ये सफलता बेहद कठिन परिस्थितियों से लड़कर हासिल की है। वह स्कूल जाने के लिए हर रोज 24 किलोमीटर साइकिल चलाकर स्कूल पहुंचती थीं। उन्होंने 10वीं की परीक्षा में 98.5 फीसदी अंक लाकर अपने गांव का नाम रोशन कर दिया है। अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी रोशनी की तारीफ कर उनका हौसला बढ़ाया और आशीर्वाद दिया है। रोशनी का सपना आगे आईएएस बनकर देश की सेवा करना है।

मुख्यमंत्री शिवराज का ट्वीट-

भिंड जिले के मेहगांव तहसील के छोटे से गांव अजनोल की बेटी रोशनी भदौरिया ने 10वीं की परीक्षा में 98.5 फीसदी अंक लाकर अपने गांव और जिले का नाम रोशन किया है। रोशनी के पिता पुरुषोत्तम भदौरिया किसान हैं। वे अपनी बेटी की इस सफलता से काफी खुश हैं। पुरुषोत्तम भदौरिया ने अपनी बेटी की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी। रोशनी रोज अपने गांव से साइकिल चलाकर मेहगांव तक पढ़ाई करने जाती थीं। बारिश हो या तेज धूप या फिर कोहरे का कहर, रोशनी ने हर मौसम से डटकर मुकाबला करते हुए रोज स्कूल जाती थीं। नतीजा ये हुआ कि रोशनी ने 98.5% अंक लाकर प्रदेश की मेरिट लिस्ट में जगह बनाई।

अपने परिवार के साथ टॉपर रोशनी भदौरिया।

सरकार से मिली साइकिल का पढ़ाई में उपयोग किया
15 वर्षीय रोशनी भदौरिया ने हाईस्कूल परीक्षा में 300 में से 295 अंक प्राप्त किए हैं। मध्य प्रदेश की प्रवीण्य सूची में उन्हें आठवां स्थान मिला है। उनके गांव से स्कूल की दूरी 12 किमी है और रोजाना स्कूल आने-जाने में रोशनी ने 24 किमी साइकिल चलाई है। घर में भी उन्होंने पांच-छह घंटे पढ़ाई की। रोशनी शुरू से ही मेधावी छात्रा रही हैं। सरकार की ओर से उन्हें साइकिल मिली तो फिर पढ़ाई के उनके अरमानों को पंख लग गए। इसी साइकिल से रोशनी ने गांव से रोजाना मेहगांव के सरकारी कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तक 24 किमी का सफर किया। रोशनी के पिता पुरुषोत्तम भदौरिया किसान हैं। उनके पास महज 4 हैक्टेयर जमीन है।

रोशनी हर रोज साइकिल लेकर अपने गांव से मेहगांव स्कूल जाती थी। आने-जाने में 24 किलोमीटर साइकिल चलानी पड़ती थी।

रोशनी का लक्ष्य आईएएस अधिकारी बनना
सरिता भदौरिया और बड़े भाई श्यामवीर भदौरिया ने 12वीं की परीक्षा दी है। छोटा भाई कृष्णप्रताप भदौरिया 5वीं कक्षा का छात्र है। हाइस्कूल के परीक्षा परिणाम के बाद परिवार में खुशी का माहौल है। माता-पिता को बेटी रोशनी पर गर्व है। रोशनी भदौरिया का पसंदीदा विषय गणित है। रोशनी कहती हैं कि गणित में उन्हें 100 में से 100 अंक मिले हैं। सामाजिक विज्ञान में 100, संस्कृत में 99, अंग्रेजी में 96 और विज्ञान विषय में 96 अंक मिले हैं। रोशनी कहती हैं कि अब आइएएस अधिकारी बनना उनका लक्ष्य है। कोरोना संकट के कारण इस बार माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा में प्रावीण्य सूची 300 अंक के आधार पर जारी की गई है।



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मध्य प्रदेश के भिंड जिले की रोशनी ने संघर्ष के बाद पाई सफलता। पढ़ाई के लिए हर रोज 24 किलोमीटर साइकिल चलाती थीं।


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